BY: एजेंसी
लखनऊ: 2017 के विधान चुनाव में कांग्रेस फिर 2019 के लोकसभा चुनाव में बसपा से गठबंधन करने के बावजूद सपा के पक्ष में कोई हवा नहीं बनी। ऐसे में अखिलेश ने अब चाचा शिवपाल को साथ लाने का मन बना लिया है। दिपावली के मौके पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि 2022 में पार्टी सिर्फ छोटे-छोटे दलों से गठबंधन करेगी। किसी बड़ी पार्टी से गठजोड़ नहीं होगा। अखिलेश ने यह भी कहा कि आगामी विधान सभा चुनाव में प्रसपा को भी एडजस्ट करेंगे और अगर सरकार बनी उनके नेता को कैबिनेट मंत्री भी बना देंगे और साथ ही जसवंत नगर से विधान सभा की सीट भी छोड़ देंगे।
अखिलेश ने हाल ही में आए बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों पर भी प्रतिक्रया दी। कहा कि, लोकतंत्र में इतना धोखा किसी के साथ नहीं हुआ होगा, जितना भाजपा ने वहां के लोगों के साथ किया है। अखिलेश ने एनडीए पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि, महागठबंधन को बेईमानी से हराया गया है। 2022 में सपा की रणनीति क्या होगी? इस सवाल का जवाब अखिलेश ने कुछ हल्के अंदाज में दिया। कहा कि इसका हम खुलासा नहीं करेंगे तो उन्हें (भाजपा) जानकारी हो जाएगी। हाल ही में संपन्न हुए विधान सभा उपचुनाव की सात सीटों में से सपा को एक सीट मल्हनी पर जीत मिली है। बाकी सीटों पर हार की वजह पूछी गई तो अखिलेश बोले, ‘जब चुनाव जिलों के डीएम, एसपी, सीओ और सिपाही लड़ेंगे तो कौन जीतेगा? कहां चुनाव भाजपा नहीं लड़ रही? उनकी सरकार के जितने भी अधिकारी हैं, वे चुनाव लड़ रहे हैं।’ अखिलेश ने कहा कि इटावा में जो भी विकास हुआ है, सपा ने कराया है। भाजपा का कोई भी विकास यहां दिखाई नहीं देता है। लायन सफारी और नवीन जेल का भी जिक्र किया। तंज कसते हुए उन्होंने कहा विकास भवन में ब्लैक ग्रेनाइट का गेट बनाया है, यही उनका विकास दिखाई दे रहा है।
अखिलेश यादव दिवाली मनाने के लिए सैफई पहुंचे हैं और यहां सिविल लाइन आवास पर प्रेस कांफ्रेंस के दौरान बसपा के तीन पूर्व जिला अध्यक्ष लाखन सिंह जाटव, जितेंद्र दोहरे, राघवेंद्र गौतम समेत सैकड़ों लोगों को पार्टी की सदस्यता ग्रहण कराई।