नई दिल्ली: भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच रविवार से टेस्ट सीरीज की शुरुआत होने जा रही है। पहला मैच सेंचुरियन में खेला जाएगा। 26 दिसंबर से शुरू हो रहे इस टेस्ट को बॉक्सिंग डे टेस्ट कहा जाता है। हालांकि, इसके पीछे मुक्केबाजी या इस तरह के किसी खेल से इसका नाता नहीं है। हम आपको बताएंगे कि क्यों 26 दिसंबर से शुरू होने वाले टेस्ट को बॉक्सिंग डे कहा जाता है।
पहला बॉक्सिंग डे टेस्ट 1950 में खेला गया था। 26 दिसंबर से ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड और दक्षिण अफ्रीका में शुरू होने वाले हर टेस्ट को बॉक्सिंग डे टेस्ट कहा जाता है। भारत ने अब तक 14 ऐसे टेस्ट खेले हैं। इस बॉक्सिंग डे टेस्ट के बॉक्सिंग से कोई कनेक्शन नहीं है। दरअसल, क्रिसमस डे (25 दिसंबर) के अगले दिन को कई देशों में बॉक्सिंग डे के नाम से जाना जाता है।
दुनिया में अलग-अलग देशों में इस दिन को लेकर अलग-अलग कहानियां हैं। कई देशों में इसका कनेक्शन क्रिसमस बॉक्स से बताया जाता है, वहीं कई जगहों पर चर्च में त्योहार के दिन गरीबों को गिफ्ट में दिए जाने वाले बॉक्स से जोड़ा जाता है। क्रिकेट में ‘बॉक्सिंग डे टेस्ट’ शब्द की शुरुआत 1892 में हुई थी।
बॉक्सिंग डे से जुड़ी पहली कहानी यह है कि चर्च में क्रिसमस के दौरान एक बॉक्स रखा जाता है। चर्च आने वाले लोग इस बॉक्स में गरीबों और जरूरतमंदों के लिए गिफ्ट रखते हैं। क्रिसमस के अगले दिन उस बॉक्स को खोला जाता है और गिफ्ट में मिले सामानों को गरीबों में बांट दिया जाता है। क्रिश्चियन लोगों की शादी भी चर्च में होती है। शादी में मिले गिफ्ट को बॉक्स में रखा जाता है और उसे 26 दिसंबर को खोलने की परंपरा है।
दरअसल, बॉक्सिंग-डे के पीछे एक दिलचस्प कहानी भी है। क्रिसमस के दिन भी छुट्टी न लेकर काम करने वालों के लिए इस दिन का नाम बॉक्सिंग डे पड़ा। इस दिन उनके काम की तारीफ की जाती है। छुट्टी न लेकर काम करने का जज्बा ही बॉक्सिंग डे कहलाता है। क्रिकेटर्स भी त्योहार में अपने घर पर न रहकर मैच खेलते हैं, तो इस वजह से बॉक्सिंग डे का कनेक्शन मैचों से भी जोड़ दिया गया।
वेस्टर्न क्रिश्चियनिटी के कैलेंडर के मुताबिक क्रिसमस डे के अगले दिन (26 दिसंबर) को बॉक्सिंग डे कहते हैं। आयरलैंड और स्पेन जैसे कई देशों में इसे सेंट स्टीफंस डे भी कहा जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि क्रिसमस के अगले दिन लोग एक-दूसरे को क्रिसमस (गिफ्ट) बॉक्स गिफ्ट करते हैं। ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी के मुताबिक, बॉक्सिंग डे क्रिसमस की छुट्टी के बाद हफ्ते का पहला दिन होता है। छुट्टियों के बाद कई लोग काम पर जाते हैं और उनके मालिक क्रिमसम उपहार के रूप में उन्हें बॉक्स गिफ्ट करते हैं। इसलिए इस दिन का नाम बॉक्सिंग डे पड़ा।
बॉक्सिंग-डे क्रिकेट से कब जुड़ा
माना जाता है कि बॉक्सिंग डे की क्रिकेट में एंट्री 1892 में हुई थी। उसी साल ऐतिहासिक मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड में शेफिल्ड शील्ड टूर्नामेंट में विक्टोरिया और न्यू साउथ वेल्स के बीच क्रिसमस के दौरान एक मैच हुआ था। इसके बाद हर साल दोनों टीमों के बीच क्रिसमस के दौरान मैच होने लगे और यह एक परंपरा बन गई। हर मैच में बॉक्सिंग डे का दिन जरूर शामिल होता था। हालांकि, यह जरूरी नहीं था कि वह मैच 26 दिसंबर से शुरू हो।
1950-51 में पहला इंटरनेशनल बॉक्सिंग डे टेस्ट मैच एशेज सीरीज में खेला गया था। ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच मैच 22 दिसंबर से शुरु हुआ था और मैच का पांचवां दिन बॉक्सिंग डे के दिन पड़ा था। 1953 से 1967 के बीच एक ऐसा दौर भी आया जब कोई भी मैच बॉक्सिंग डे (26 दिसंबर) के दिन नहीं खेला गया। 1974-75 एशेज सीरीज का तीसरा मैच मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड और बॉक्सिंग डे (26 दिसंबर) के दिन शुरु हुआ। यहीं से बॉक्सिं डे टेस्ट की शुरुआत हुई।
ऑस्ट्रेलिया में सभी बॉक्सिंग डे टेस्ट मैच मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड में ही खेले जाते हैं। भारत अब तक ऑस्ट्रेलिया, वेस्टइंडीज, दक्षिण अफ्रीका और न्यूजीलैंड के खिलाफ बॉक्सिंग डे टेस्ट खेल चुका है। भारत ने अब तक कुल 14 बॉक्सिंग-डे टेस्ट खेले हैं। इसमें से टीम ने सिर्फ तीन जीते हैं। नौ में उसे हार मिली और दो ड्रॉ रहे।
भारत ने 2010 के बाद से कुल छह बॉक्सिंग डे टेस्ट खेले हैं। इसमें टीम का रिकॉर्ड अच्छा है। टीम इंडिया ने 2010 के बाद से तीन बॉक्सिंग डे टेस्ट जीते हैं। दो में टीम हारी और एक मैच ड्रॉ रहा। भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच पांच बॉक्सिंग डे टेस्ट मैच खेले गए हैं। इसमें टीम चार टेस्ट हार चुकी है और सिर्फ एक जीती है। यानी भारत-दक्षिण अफ्रीका के बीच सभी बॉक्सिंग-डे टेस्ट मैचों के नतीजे आए हैं। ऐसे में इस बार फैंस एक अच्छे मैच की उम्मीद कर सकते हैं।