नक्सलियों के अमानवीय एवं आधारहीन विचारधारा को त्यागकर किया आत्मसमर्पण।
नक्सलियों के शोषण, अत्याचार, भेदभाव एवं स्थानीय आदिवासियों से होने वाली हिंसा से त्रस्त होकर छोड़ा लाल आंतक का साथ।
सुकमा: जिला सुकमा में सुन्दरराज पी. पुलिस महानिरीक्षक, बस्तर रेंज जगदलपुर (छ.ग.) एवं योज्ञान सिंह, पुलिस उप महानिरीक्षक (परिचालन सुकमा रेंज) के मार्गदर्शन एवं सुनील शर्मा पुलिस अधीक्षक सुकमा (छ.ग.), व ताशी ज्ञालिक कमांडेन्ट, 02 वाहिनी सीआरपीएफ के निर्देशन में चलाये जा रहे नक्सल उन्मूलन अभियान के तहत छत्तीसगढ़ शासन की पुनर्वास नीति के प्रचार-प्रसार एवं सुकमा पुलिस द्वारा चलाये जा रहे “पुना नर्कोम अभियान” से प्रभावित होकर नक्सलियों के अमानवीय, आधारहीन विचारधारा एवं उनके शोषण, अत्याचार तथा बाहरी नक्सलियों द्वारा भेदभाव करने तथा स्थानीय आदिवासियों पर होने वाले हिंसा से तंग आकर आज 01 नवंबर राज्योत्सव के दिन प्रतिबंधित नक्सली संगठन से जुड़े विभिन्न थाना क्षेत्र के 09 नक्सलियों द्वारा क्रमशः 01. कलमू हिड़मा पिता गंगा, 02. रवा जोगा पिता रवा सन्ना, 03. हेमला मनीराम पिता लखमू, 04. कमलू मल्ला पिता कोसा, 05. रवा भीमा पिता मासा,06 .. रवा पोज्जा पिता गंगा, 07. सोड़ी गंगलु पिता सोमारू, 08. अड्डी दिनेश पिता सुखराम, 09. कलूम जोगा पिता भीमा के द्वारा पुलिस अधीक्षक कार्यालय में ताशी ज्ञालिक कमांडेन्ट 02 वाहिनी सीआरपीएफ, आंजनेय वार्ष्णेय अति. पुलिस अधीक्षक ऑप्स, नवीन राणा, द्वितीय कमान अधिकारी 02 वाहिनी सीआरपीएफ, जितेन्द्र कुमार यादव सहा. कमांडेण्ट 02 वाहिनी सीआरपीएफ, रजत नाग उप पुलिस अधीक्षक ऑप्स., परमेश्वर तिलकवार पुलिस अनुविभागीय अधिकारी सुकमा के समक्ष बिना हथियार के आत्मसमर्पण किया गया। सभी आत्मसमर्पित नक्सलियों को राज्य शासन के पुनर्वास नीति के तहत सहायता राशि व अन्य सुविधायें प्रदाय किया जायेगा।