By: सुनील यादव
- वन परिक्षेत्र मैनपुर के ग्राम नाहनबिरी में धड़ल्ले से चल रहे अवैध रूप से काटी गई इमारती लकड़ियों से चौंखट,खिड़की,दरवाजा……जप्त ।
गरियाबंद: जिले के मैनपुर तहसील मुख्यालय से महज 2 किलोमीटर दुर ग्राम नाहनबिरी मे वन परिक्षेत्र अधिकारी मैनपुर संजीत मरकाम के नेतृत्व में वन विभाग के अमले ने छापा मारकर बड़ी कार्यवाही करते हुए साल प्रजाति के लकड़ी से निर्माण किये जा रहे है चौखट,खिड़की,दरवाजे व अन्य सामग्रीयां जब्त किये गए हैं,जिस पर वन अधिनियम के तहत कार्यवाही किया गया । मुखबीर से मिली सूचना के आधार पर वन परिक्षेत्र अधिकारी मैनपुर संजीत मरकाम के नेतृत्व में वन विभाग का अमला सर्च वारंट लेकर ग्राम नाहनबिरी श्यामलाल पिता फुलसिंह के घर में तलाशी लिया गया। तलाशी के दौरान कीमती लकड़ी साल प्रजाति के 7 नग चौखट, 4 नग खिडकी, 4 नग सिरपट,3 नग बल्ली,कुल 0.629 घन मीटर ईमारती लकड़ी जब्त कर कार्यवाही किया गया।

देखा जा सकता है कि इन दिनों जिले के वन क्षेत्रों के ग्रामीण इलाकों के घरों से वन विभाग कि लगातार कार्यवाही देखने को मिल रही है । जिसमे हर एक कार्यवाही मे वन अमले को थोक के भाव में इमारती लकड़ियों का जखीरा प्राप्त हो रहा है । लकड़ी चोर जंगल को दीमक कि तरह धीरे – धीरे साफ कर रहे हैं किन्तु वन विभाग का अमला जिसे जंगल कि सुरक्षा कि ट्रेनिंग दी जाती है वे इस जंगल कि अवैध इमारती लकड़ियों कि कटाई की सुरक्षा कर पाने मे नाकाम हैं।

नतीजन सामने है कि ग्रामीण इलाकों के घरों से किस तरह इमारती लकड़ियों का जखीरा जप्त कर कार्यवाही किया जा रहा है । वन विभाग में इस जंगल कि सुरक्षा को लेकर थोक के भाव में अधिकारी कर्मचारी होते हैं । जैसे डीएफओ,एसडीओ,रेंजर,
डिप्टी रेंजर,फारेस्ट गार्ड,बिटगार्ड,वन कर्मी,वन सुरक्षा कर्मी,चौकीदार,ग्राम वन समिति और ना जाने क्या क्या । इनके लिए करोड़ों अरबों रुपए विभाग को आबंटन भी किया जाता है । फिर भी जंगल कट रहा है और लकड़ियां बिक रही हैं ।
वन विभाग के सुस्त रवैया का ही यह परिणाम है कि इमारती लकड़ियों को काटे जाने के बाद जब इस इमारती लकड़ी को फर्नीचर बनाकर लकड़ी तस्कर फाइनल बेचने कि तैयारी मे होता है तब अचानक मुखबिर से सूचना मिलती है और विभाग नींद से जागकर कार्यवाही करने खड़ा होता है । जब तक ये लकड़ी जंगल से कट ना जाय तब तक इन्हें जानकारी कभी नहीं होती है और इसी आड़ में जंगल धीरे धीरे उजड़ रहा है ।