BY: रवि भूतड़ा
कोरोना वायरस को पटखनी देकर अपने कर्मभूमि पर वापस लौटे डॉ. एके बाजपेयी को ये पंक्तियां समर्पित-
“चट्टान सी खड़ी रही मुसीबतें,
मैं सागर की लहरें बन टकराता रहा,
कठोर छाती ढकेल देती वापस मुझे,
बटोर हिम्मत मैं बार-बार वापिस आता रहा”
बालोद: “हौसले किसी हकीम से कम नहीं होते हैं, हर तकलीफ में ताकत की दवा देते हैं” वैसे ही बालोद जिले के अपर कलेक्टर डॉ. अनिल बाजपेयी कोरोना महामारी में कोविड-19 वैक्सीन की दो डोज़ के बाद भी संक्रमित हो गए और उनके इसी हौसले ने आत्मबल औऱ दृढ़ निश्चय ने कोरोना को बेअसर कर दिया और इस जंग में उन्होंने जीत हासिल कर ली। अब अपर कलेक्टर पूरी तरह स्वस्थ होने के बाद अपने कार्य पर वापस लौट चुके हैं। इस वक्त जिले में कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ा हुआ है। ऐसे में श्री बाजपेयी का मानना है कि लोगों के लिए कार्य करना बेहद जरूरी है और एक प्रशासनिक जिम्मेदार अधिकारी के रूप में वह अपना कर्तव्य निभा रहे हैं। डॉ. बाजपेयी 28 मार्च को कोरोना पॉजिटिव हुए थे। होम आइसोलेशन में रहते हुए कोरोना के सभी गाइडलाइन का पालन करते हुए कोरोना पर जीत मुक्कमल की। वे अपनी कर्मभूमि में लगातार पांच दिनों से अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं और जनता की सेवा में तत्पर हैं। उनके लिए किये कर्म ही पूजा हैं। सकारात्मक सोच, अनुशासित दिनचर्या, योगाभ्यास, प्राणायाम, व्यायाम और जरूरी दवाओं के साथ होम आइसोलेशन में रहते हुए डॉ. अनिल बाजपेयी ने कोरोना को मात दे दी है। आपको बता दे कि कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लेने के बाद संक्रमित हुए लोगों पर कोरोना वायरस का गंभीर असर अभी तक सामने नहीं आया है। अब तक के ऐसे जितने भी केस आए हैं उनमें तो देखने से यही सिद्ध हो रहा है। एएसपी डीआर पोर्ते एवं एसडीएम रामसिंह ठाकुर भी दो डोज लगने के बाद कोरोना संक्रमित हुए। लेकिन वैक्सीन ने अपना असर दिखाया और वे दोनों भी स्वस्थ्य हुए। इसके साथ ही जिन लोगों को कोरोना वैक्सीन लगी है, वे दोबारा पॉजिटिव होने के बाद अपेक्षाकृत अन्य संक्रमित मरीजों के जल्दी स्वस्थ हो गए। उन्हें कोरोना वायरस का उतना गंभीर असर नहीं हुआ। कहीं न कहीं वैक्सीन लगने का असर सामने आया है और कोरोना अपना गंभीर रूप नहीं दिखा पाया। कोरोना का गंभीर संक्रमण उन्हें नहीं हुआ।
मैंने अपने आत्मबल को कभी कमजोर नहीं होने दिया: डॉ. बाजपेयी
अपने आत्मबल से कोरोना को पटखनी देने के बाद अपर कलेक्टर डॉ. अनिल बाजपेयी ने अपने खट्ठे-मीठे अनुभव को साझा करते हुए बताया कि मेरा एक प्रशासनिक अधिकारी के रूप में लगातार स्वास्थ विभाग और आम जनता से संपर्क बना रहा। कोरोना वैक्सीन की दो डोज लगवाने के बाद भी मैं संक्रमण का शिकार हो गया। मुझे आभास हुआ की मुझे हल्की सी सर्दी खांसी हो रही है। मैंने कोरोना टेस्ट करवाया पॉजिटिव निकला। जैसे ही मुझे रिपोर्ट पता चली। थोड़े देर के लिए मन विचलित अवश्य हो गया। जिसके बाद तत्काल मैंने अपने आपको संभाला और मैंने यही तय किया कि एक प्रशासनिक अधिकारी होने के नाते मुझे कमजोर नहीं होना है। आगे मुझे लोगो की सेवा करनी हैं। मैंने अपने आत्मबल को बनाये रखा। डॉक्टर ने जो दवाई दिया उसको मैंने होमआइसोलेशन में रहकर बराबर सेवन करता रहा। श्री बाजपेयी ने आगे कहा कि ये जब हुआ तो मैंने महसूस किया, व्यक्ति मानसिक रूप से कमजोर होने लगता है। उसे आवश्यकता आत्मबल बनाये रखने की होती है। मैंने अपने आत्मबल को कभी कमजोर नहीं होने दिया। लगातार दवाइयों के अलावा योग, ध्यान में मग्न रहा। मैंने यह भी महसूस किया कि इसमें बहुत सारी अदृश्य शक्तियां मानसिक स्थिति कमजोर के कारण हावी होने की कोशिश करती हैं और व्यक्ति कमजोर होने लगता है। इसका एकमात्र उपाय योग और ध्यान ही है। जिसका मैंने पूरी तरह से पालन करके अपने आपको स्वस्थ रहने का प्रयास करता रहा। जिसका परिणाम हैं कि आज मैं स्वस्थ होकर आपके सामने हूँ। श्री बाजपेयी ने आगे कहा कि वैक्सीन को लेकर तरह तरह की भ्रांतियां लोगो के मन में हैं। मैं तो यही कहूंगा मेरे पास दो चीज़े थी। एक वैक्सीन का रक्षा कवच मेरे पास था और दूसरा आत्मबल था और इन दोनों के सहारे ही मैं कोरोना की लड़ाई से जीता पाया।
शत प्रतिशत लोग वैक्सीन जरूर लगवाएं
डॉ. बाजपेयी ने जनता से अपील करते हुए आगे कहा कि निश्चितरूप से कोरोना भयंकर महामारी बड़ी है, और इसका एकमात्र बचाव कोरोना वैक्सीन है। यदि आप वैक्सीन लगवा लेते हैं, आप की स्थिति गंभीर नहीं हो पायेगी और आप अपने जीवन की रक्षा कर पाएंगे। मैं तो लोगो से ये अपील करूँगा कि शतप्रतिशत लोग वैक्सीन जरूर लगवाएं। वैक्सीन लगवा लेते हैं तो आप अपने जीवन की रक्षा कर पाएंगे और अपने परिवार से दूर नहीं हो पाएंगे।
वैक्सीन लगने के बाद कोरोना का असर कम:
आपकों बता दे कि जिन लोगों को टीका लग चुका है। उन्हें अगर संक्रमण हुआ भी तो उसका असर बहुत मामूली था। वो जल्द ठीक हो गए। यानी इस महामारी का स्थाई समाधान वैक्सीनेशन में ही नजर आ रहा है और इसे लेकर शासन-प्रशासन को युद्ध स्तर पर जुटने की जरूरत है।
दूसरी डोज के बाद 0.03 प्रतिशत लोग ही हुए कोरोना पॉजिटिव:
देश में मौजूद कोवैक्सीन और कोविशील्ड टीके का असर क्या है। कोवैक्सीन का पहला और दूसरा डोज लेने के बाद अब तक शून्य दशमलव शून्य चार प्रतिशत लोग ही कोरोना संक्रमित हुए हैं। कोविशील्ड लेने वालों में पहली डोज के बाद शून्य दशमलव शून्य दो और दूसरी डोज के बाद शून्य दशमलव शून्य तीन प्रतिशत लोग ही कोरोना संक्रमित हुए हैं।
ये पंक्तियां उन सभी तमाम लोगो को समर्पित जो कोरोना वायरस को हराकर घर लौटे है….
“कैसे कह दूँ कि थक गया हूँ मैं,
न जाने किस किस का हौसला हूँ मैं”