BY: एजेंसी
नई दिल्ली: सोने की कीमतें एक बार फिर से और बढ़ी हैं। सोने पर कोरोना का असर साफ देखा जा सकता है। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के अनुसार दिल्ली में सोने की कीमत में 411 रुपये की तेजी देखी गई है, जिसके बाद सोना 47,291 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर पहुंच गया है। पिछले सत्र में सोना 46,880 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर बंद हुआ था। वहीं दूसरी ओर चांदी भी 338 रुपये की बढ़त के साथ 68,335 रुपये प्रति किलो के स्तर पर पहुंच गई है। पिछले सत्र में चांदी 67,997 रुपये प्रति किलो के स्तर पर बंद हुई थी।
दिल्ली सर्राफा बाजार में शुक्रवार को सोना नौ रुपये की मामूली तेजी के साथ 46,431 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया। एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने यह जानकारी दी। पिछले कारोबारी सत्र में सोने का बंद भाव 46,422 रुपये प्रति 10 ग्राम रहा था। चांदी भी 53 रुपये की मामूली तेजी के साथ 67,460 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ गयी। पिछले कारोबारी सत्र में चांदी 67,407 पर बंद हुई थी। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने का भाव लाभ के साथ 1,764 डॉलर प्रति औंस पर था। चांदी 25.87 डॉलर प्रति औंस पर लगभग अपरिवर्तित रही। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक (जिंस) तपन पटेल ने कहा, ‘‘डॉलर में गिरावट और अमेरिकी बांड की प्राप्ति में गिरावट आने से सोने की कीमतों में तेजी आई।’’
कोरोना वायरस के मामले बढ़ने के बीच सोना और चांदी दोनों की कीमतों में इजाफा दर्ज किया गया है। अभी सोना 47,291 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर पहुंच चुका है। वहीं अगर बात चांदी की करें तो उसकी कीमत 64,650 रुपये प्रति किलो हो गई है। देखा जाए तो सोना ऑल टाइम हाई से करीब 9 हजार रुपये सस्ता हो चुका है। अगस्त में सोने ने करीब 56,200 रुपये का ऑल टाइम हाई लेवल छुआ था।
अभी सोना 47,291 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर आ चुका है। वहीं अगस्त में सोने ने 2010 डॉलर प्रति औंस का उच्चतम स्तर छुआ था, जिससे अब तक 15 फीसदी की गिरावट आ चुकी है। एनालिस्ट मान रहे हैं कि अभी सोने में गिरावट और आएगी। माना जा रहा है कि सोना 1500 डॉलर प्रति औंस तक गिर सकता है, जिसके बाद इसमें स्थिरता दिखेगी। यानी इस हिसाब से भारतीय रुपयों में देखा जाए तो सोना करीब 38,800 रुपये प्रति 10 ग्राम के लेवल के करीब पहुंच सकता है। हालांकि, कुछ ऐसे भी संकेत मिल रहे हैं जो सोने की कीमतें बढ़ने का इशारा कर रहे हैं।
बहुत सारे देशों में आंशिक लॉकडाउन लगाया जाने लगा है। भारत में भी कुछ राज्यों के कुछ शहरों में आंशिक लॉकडाउन लागू किया गया है। लोगों की भीड़ जमा होने से रोकने के लिए कई जगहों पर धारा 144 भी लगाई गई है। अगर कोरोना वायरस के फैलने की दर धीमी नहीं होती है तो सख्ती और बढ़ानी पड़ सकती है। ऐसे में फिर से लॉकडाउन की आशंका भी जताई जा रही है। फ्रांस, पोलैंड और यूक्रेन में कई जगहों पर लॉकडाउन लगाए भी हैं। ऐसा होने पर लोग निवेश का सुरक्षित ठिकाना ढूंढेंगे और सोने का रुख करेंगे।
मौजूदा समय में जमा पर मिलने वाले ब्याज की दरें काफी कम हैं और आने वाले समय में इसके और कम होने की आशंका जताई जा रही है। कम ब्याज दरें होने से लोन लेने वालों की संख्या तो बढ़ेगी, लेकिन जमाकर्ताओं को नुकसान होगा। इस स्थिति में वह अपने पैसे सोने में निवेश कर सकते हैं। वैसे भी सोना और ब्याज दर एक दूरे की उल्टी दिशा में चलते हैं। इस वजह से सोने की कीमतें फिर से बढ़ सकती हैं।
सोने की कीमतें अपने ऑल टाइम हाई से काफी तेजी से गिरी हैं। मौजूदा समय में फिजिकल गोल्ड की मांग तेजी से बढ़ रही है, जिससे उसके दामों में भी तेजी के आसार बन रहे हैं। शादी-ब्याह का सीजन भी आने वाला है, जिसके चलते भी लोग सोने के गहने खरीदने की योजना बना रहे हैं। जैसे-जैसे लोगों का रुझान सोने के लिए बढ़ता जाएगी, इसका सीधा असर सोने के दामों पर पड़ेगा, जो बढ़ेंगे। इन संकेतों से लग रहा है कि एक बार फिर सोना महंगा हो सकता है।
अगर बात सोने की करें तो पिछले साल सोने ने 28 फीसदी का रिटर्न दिया है। उससे पिछले साल भी सोने का रिटर्न करीब 25 फीसदी रहा था। अगर आप लॉन्ग टर्म के लिए निवेश कर रहे हैं तो सोना अभी भी निवेश के लिए बेहद सुरक्षित और अच्छा विकल्प है, जिसमें शानदार रिटर्न मिलता है। पिछले सालों में सोने से मिला रिटर्न आपके सामने है, जो दिखाता है कि निवेश करने से फायदा ही है।
2020 में सोने के दाम में तगड़ी तेजी की वजह कोरोना वायरस रहा, जिसकी वजह से लोग निवेश का सुरक्षित ठिकाना ढूंढ रहे थे। सोने में निवेश हमेशा से ही सुरक्षित रहा है। कोरोना की वजह से शेयर बाजार में लोगों ने निवेश कम कर दिया, क्योंकि शेयर बाजार में निवेश रिस्की होता है। पिछले साल जनवरी-फरवरी में तो सोना धीरे-धीरे बढ़ रहा था, लेकिन मार्च में भारत में कोरोना वायरस की दस्तक के बाद इसने स्पीड पकड़ ली।
सोना गहरे संकट में काम आने वाली संपत्ति है, मौजूदा कठिन वैश्विक परिस्थितियों में यह धारणा एक बार फिर सही साबित हो रही है। कोविड-19 महामारी और भू-राजनीतिक संकट के बीच सोना एक बार फिर रिकॉर्ड बना रहा है और अन्य संपत्तियों की तुलना में निवेशकों के लिए निवेश का बेहतर विकल्प साबित हुआ है। विश्लेषकों का मानना है कि उतार-चढ़ाव के बीच सोना अभी कम से कम एक-डेढ़ साल तक ऊंचे स्तर पर बना रहेगा। दिल्ली बुलियन एंड ज्वेलर्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष विमल गोयल का मानना है कि कम एक साल तक सोना उच्चस्तर पर रही रहेगा। वह कहते हैं कि संकट के इस समय सोना निवेशकों के लिए ‘वरदान’ है। गोयल मानते हैं कि दिवाली के आसपास सोने में 10 से 15 प्रतिशत तक का उछाल आ सकता है।