BY: मुज़्ज़म्मिल खान, ब्यूरोचीफ-राजनांदगांव
रायपुर: कोरोना काल की इस दूसरी पारी में जब संक्रमण बढ़ते जा रहे है जिसके कारण कई प्रायवेट विद्यालयों में 1 अप्रैल से बच्चों को ऑनलाईन क्लासेस के माध्यम से पढ़ाया जा रहा है, लेकिन परिवहन को छोड़ सभी मदों में फीस लिया जा रहा है। कई प्रायवेट विद्यालयों ने तो फीस में भारी वृद्धि भी कर दिया है।
छत्तीसगढ़ अशासकीय विद्यालय फीस विनियमन अधिनियम 2020 जो 28 सिंतबर 2020 से पूरे प्रदेश में प्रभावशील हो गया है और इस अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार प्रायवेट स्कूलों में फीस का निर्धारण अब विद्यालय फीस समिति करेगी, लेकिन इस कानून में यह स्पष्ट है कि प्रायवेट विद्यालयों में दी जा रही सुविधा के अनुसार ही फीस निर्धारित किया जाएगा और वर्तमान सत्र 2021-22 में प्रायवेट विद्यालयों ने जो फीस निर्धारित किया है, वह ऑनलाईन क्लासेस के माध्यम से दी जा रही सुविधा के अनुसार नही किया है।
छत्तीसगढ़ पैरेंट्स एसोसियेशन के प्रदेश अध्यक्ष क्रिष्टोफर पॉल का कहना है कि कोरोना काल अभी समाप्त नहीं हुआ है और अभी भी प्रायवेट विद्यालयों में ऑनलाईन क्लासेस के माध्यम से पढ़ाई कराया जा रहा है, लेकिन फीस रेग्युलर क्लासेस के अनुसार निर्धारित किया गया है। जिस प्रकार की समस्या बीते सत्र 2020-21 में थी वही समस्या इस सत्र 2021-22 में भी है। जिस प्रकार से प्रायवेट विद्यालयों और नोडल अधिकारियों की मिलीभगत से प्रायवेट विद्यालयों में स्कूल समिति का गठन किया गया और फीस निर्धारित किया गया और अब निर्धारित फीस को जबरन दबावपूर्ण वसूला जा रहा है, जबकि इस निर्धारित फीस का जिला फीस समिति से अनुमोदन कराया जाना है।
श्री पॉल ने बताया कि ऑनलाईन क्लासेस के दौर में और इस कोरोना महामारी में जिस प्रकार से प्रायवेट विद्यालयों के द्वारा पुनः मनमानी आरंभ कर दिया गया है, जिस पर तत्काल लगाम लगाने की जरूरत है और इस संबंध में शिक्षा सचिव और संचालक को तत्काल कार्यवाही करने की मांग किया गया है।