BY: रवि भूतड़ा
बालोद: जहां एक तरफ छत्तीसगढ़ कोरोना जैसी महामारी से जूझ रहा है। जिसके मद्देनज़र लॉकडाउन लगाया गया हैं। तो वही दूसरी ओर जिम्मेदार जनप्रतिनिधि लॉकडाउन व धारा 144 का खुला उलंघन कर रहे हैं। जिम्मेदार जनप्रतिनिधि मनमानी करने से बाज नही आ रहे हैं। बालोद ब्लॉक अंतर्गत ग्राम भेड़ियाँ नवागांव में विकास कार्य के नाम पर सरपंच ने अवैध तरीके से लगभग 30 बबूल के पेड़ो की बलि चढ़ा दी हैं। सड़क किनारे लगे 25 से 30 साल पुराने पेड़ जो ग्रामीणों एवं राहगीरों को धूप से बचने छांव देने का काम करते थे। उसी पेड़ को ग्राम पंचायत भेंड़िया नवागाँव की महिला सरपँच ने बिना विभागीय अनुमति बेझिझक मनमानी ढंग से गांव में विकास कार्य के नाम पर अवैध तरीके से कटवा दिया हैं। पेड़ की अवैध कटाई करने सरपँच की मनमानी के चलते ग्रामीण भी परेशान है।
ग्रामीणों का कहना है कि सड़क किनारे लगे पेड़ धूप में छांव देने का काम करते है। ऐसे में सरपँच द्वारा अपनी जेब भरने छांव देने वाले पेड़ो की बलि दी जा रही है। एक ओर शासन द्वारा हर साल वृक्षारोपण के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च किया जाते है। वहीं दूसरी ओर सत्ता पक्ष से जिम्मेदार पद पर रह रही एवं ग्राम पंचायत भेड़िया नवागांव की महिला सरपँच पद का रौब दिखाते हुए बेझिझक धड़ल्ले से सड़क किनारे स्थित बड़े-बड़े बबूल पेड़ की कटाई करा दी है। ग्रामीणों से मिली जानकारी के अनुसार जब ग्रामीणों ने पेड़ कटाई के बारे में सरपँच से पूछताछ की तो सरपंच ने कहा कि गांव की गली बिजली बिल पटाने हेतु यह कदम उठाया गया है। जबकि शासन ने ग्राम पंचायतों की बिजली बिल की राशि का भुगतान निःशुल्क कर दिया है। इसके बावजूद सरपँच द्वारा पंचायत की बकाया राशि भुगतान करने की आड़ में अपनी जेब भरने में लगी है। प्रशासन से बिना अनुमति के ही कटाई कर दी हैं। पेड़ की अवैध कटाई करने और सरपँच की मनमानी के चलते ग्रामीण परेशान है। ग्रामीणों का कहना है कि सड़क किनारे लगे पेड़ धूप में छांव देने का काम करते है। ऐसे में सरपँच द्वारा अपनी जेब भरने छांव देने वाले पेड़ो की बलि दी जा रही है। वही ग्राम पंचायत की महिला सरपँच ने मामले में कहा कि राजस्व विभाग से अनुमति मिली है तो वही तहसीलदार श्रीमती रश्मि वर्मा ने बताया कि किसी भी प्रकार की अनुमति नही दी गई हैं और मामले में जांच कर कार्यवाही करने की बात कही।