BY: रवि भूतड़ा
बालोद: जिले में बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच स्वास्थ्य विभाग के सामने कई सारी चुनौतियां हैं। जिस तरह से कोरोना के नए मामले आ रहे हैं। उसको देखते हुए ये जरुरी हो गया हैं कि ज्यादा से टेस्टिंग हो। जिसमें आरटीपीसीआर को ही बेस्ट माना जा रहा हैं। लेकिन जिले में आरटीपीसीआर की जांच रिपोर्ट को राजनांदगांव भेजा जाता हैं। जिससे उसकी रिपोर्ट आने में देर होती हैं। बढ़ते कोरोना संक्रमितों के हिसाब से पर्याप्त बेड की भी व्यवस्था नही हैं। जिले के हिसाब से सिर्फ 6 आईसीयू बेड हैं। उक्त विषय में जब मुख्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी जेपी मेश्राम से चर्चा की गई तो उन्होंने बताया कि बालोद जिले में जो हमको टारगेट मिला हैैं, आरटीपीसीआर टेस्टिंग का, उस टारगेट में हम 100 प्रतिशत से भी ऊपर रोज कर रहे हैं। हमेशा 110-115 प्रतिशत हमने आरटीपीसीआर टेस्टिंग करी है। आरटीपीसीआर जितने भी हमारे टेस्ट हैं। उसे हम राजनांदगाव मेडिकल कॉलेज में भेजते हैं। चूँकि राजनांदगाव मेडिकल कॉलेज में उनके खुद के अलावा बालोद व कवर्धा का सैम्पल आता है। इसलिए उनके पास काम बहुत ज्यादा हो रहा है। इसलिए वहां से रिपोर्ट जो है, थोड़ी देरी में आती है। जिसके कारण से यहाँ पर रिपोर्ट देर से प्राप्त होती है। श्री मेश्राम ने आगे बताया कि इस सम्बन्ध में केंद्रीय टीम से चर्चा हुई और उन लोगों ने हमे सजेस्ट किया कि आप यहाँ पैर नई आरटीपीसीआर लैब के लिए मांग रखिये। तो हमने मांग रखी हैं। श्री मेश्राम ने ऑक्सीजन बेड को लेकर बताया कि अभी जिला अस्पताल में 81 ऑक्सीजन बेड हैं और करीब 39 बेड पेरीफेरी में है। अभी हम दो ऑक्सीजन बेड के सेंटर शुरू कर रहे हैं। एक देवरी में और दूसरा डौंडी में। दोनों में 50-50 ऑक्सीजन बेड की सुविधा होगी।
बड़े ऑक्सीजन प्लांट की है जरूरत: मेश्राम
सीएमएचओ जेपी मेश्राम ने आगे बताया कि यहाँ पे डेडिकेटेड कोविड अस्पताल जरूर खुलना चाहिए। अगर यहां कोविड डेडिकेटेड अस्पताल की स्थापना हो जाएगी। तो हम बहुत सारे मरीजों को बचा पायेंगे। साथ ही हमारे पास यहाँ सिर्फ जिला अस्पताल में जो एक ऑक्सीजन प्लांट है, जो कि छोटा है। हमे एक बड़े ऑक्सीजन प्लांट की जरुरत होगी और हम जितनी जगह ऑक्सीजन बेड लगा रहे हैं, चाहे वह डौण्डी में हो या देवरी में। वहां पर भी हमे ऑक्सीजन प्लांट की जरुरत होगी। हम अपने जितने मरीज हैं। जो मरीज यहाँ पर सीरियस हो रहे हैं। हम जब उनको बाहर भेजने की व्यवस्था करते हैं तो बाकि बाहर के सभी बेड भरे हुए हैं। हमे पर्याप्त बेड मिले। इसके लिए हम खुद ही यहाँ व्यवस्था चाह रहे हैं। जिसके लिए हमें अन्य स्टाफ की भी जरुरत होगी। हम उसकी भी मांग राज्य से कर चुके हैं।
6 वेंटिलेटर जिले के हिसाब से बहुत कम: मेश्राम
श्री मेश्राम ने आगे कहा कि हमारे पास अभी 6 आईसीयू बेड हैं। जिसको हम बढ़ाना चाहते हैं। हमारे पास 20 एसडीओ बेड्स हैं। जिसके लिए हमने वेंटिलेटर की भी मांग की है। वेंटिलेटर राज्य से मिल जायेगा तो हम और भी मरीजों को आईसीयू बेड्स में डाल सकते हैं। श्री मेश्राम ने आगे बताया कि 6 वेंटिलेटर जो हैं यहाँ पर वो जिले के हिसाब से बहुत कम होता है। वेंटिलेटर को बढ़ाने के लिए हमने मांग पत्र भेजा हुआ है और राज्य से हमे ये सुविधा जल्दी ही मिल जाएगी। हमें ऐसा लगता है। जिन मरीजों को वेंटिलेटर तक जाने की जरुरत पड़ रही हैं। हम उन्हें तुरंत रेफर मेडिकल कॉलेज रायपुर, एम्स या राजनांदगाव मेडिकल कॉलेज में भेजने की व्यवस्था कर रहे हैं।